Trump-Putin Summit: भारत और अमेरिका के बीच चल रही तल्खीp के बाद दुनियाभर के देशो की नजर नजर पुतिन और ट्रंप के बीच बातचीत पर लगी हुई थी. भारत को उम्मीद थी कि, इस बातचीज में कोई नतीजा निकलेगा और उसे 25 फीसद टैरिफ से राहत मिलेगी लेकिन, उसे कोई राहत नहीं मिली. भारत पर अभी 25 फीसद टैरिफ लागू है और अतिरिक्त 25 फीसद का टैरिफ 27 अगस्त से लागू हो जाएगा.
गौरतलब है कि अलास्का में ट्रंप और पुतिन के बीच बात नहीं बन पाने के चलते भारत के लिए मुश्किल बढ़ गई है. इतना ही नहीं इसी बीच भारत और अमेरिका के बीच ट्रेड डील को लेकर चल रही बातचीत पर भी काले बादल छा गए हैं.
इतना ही कहा जा रहा है कि, इस बातचीत के दौरान रूस और यूक्रेन के बीच जारी युद्ध को लेकर भी कोई सहमति नहीं बनी है. ट्रंप ने कहा था कि वह रूस और यूक्रेन के बीच सीजफायर करवा देंगें लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ. दोनों देशों के बीच विगत 4 साल से युद्द जारी है. इस बातचीत को ट्रंप ने पॉजिटिव बताया लेकिन, कहा कि सीजफायर को लेकर कोई बात नहीं बनी है.
गौरतलब है कि, भारत द्वारा बड़ी मात्रा में रूस से तेल खरीदने को लेकर अमेरिका नाराज है. इसी नराजगी के चलते अमेरिका ने भारत पर 25 फीसद टैरिफ लगाया है. ट्रंप का कहना है कि भारत रूस से बड़ी मात्रा में तेल खरीद रहा है. जिससे रूस को आर्थिक लाभ पहुँच रहा है. जिसका उपयोग रूस यूक्रेन के साथ युद्ध लड़ने के लिए कर रहा है. मुलाकात से पहले अमेरिकी विदेश मंत्री ने बयान दिया था कि अगर पीस डील नहीं बनती है तो और जयादा टैरिफ लगाए जा सकते हैं.
कहा जा रहा है कि, अमेरिका एक विधेयक पारित करने का प्लान बना रहा है कि जिसके बाद ट्रंप को और ताकत मिल जाएगी जिसके बाद अमेरिका किसी भी देश पर 500 फीसद टैरिफ लगा सकता है. भारत लगातार रूस से कच्चा तेल खरीद रहा है जिसके चलते अमेरिका नाराज हो गया है. अब सवाल यह है कि भारत को 50 फीसद टैरिफ के बाद भारी कीमत चुकानी पड़ सकती है.