वाराणसी: दशाश्वमेध थाना क्षेत्र अंतर्गत मीरघाट तिराहे पर स्थित अति प्राचीन जर्जर मकान के एक हिस्से से सोमवार को अचानक ईंटों के गिरने से अफरातफरी मच गई. इस दुर्घटना के बाद वहां तैनात श्री काशी विश्वनाथ धाम सुरक्षा बल सक्रिय हो गया और मीरघाट जाने वाले मुख्य मार्ग को तत्काल बंद कर दिया. इसके चलते विशालाक्षी मंदिर की ओर जाने वाले श्रद्धालुओं को काफी असुविधा का सामना करना पड़ा.
बाहर रहते हैं मकान मालिक
स्थानीय लोगों के अनुसार मकान संख्या D 3/130 अरुण शर्मा का है. इस मकान में एक शिवाला भी स्थित है. कई दशक पहले अरुण शर्मा अपने परिवार सहित हरियाणा शिफ्ट हो गए थे और तभी से यह मकान बंद पड़ा है. बीच-बीच में परिवार का कोई सदस्य मकान की देखरेख के लिए आता रहा है, जबकि इसकी देखभाल की जिम्मेदारी आरकेबीके परिवार पर भी मानी जाती है. लंबे समय से बिना मरम्मत और देखरेख के यह भवन बेहद जर्जर हालत में पहुंच चुका है.
बारिश के दौरान गिरने लगी ईंट, सुरक्षाकर्मी अलर्ट
तेज बारिश के बीच अचानक मकान की दीवार से एक के बाद एक ईंटें सड़क पर गिरने लगी. उसी समय पास में दुकान चला रहे मोनू यादव ने तुरंत सुरक्षाकर्मियों को सूचना दी. मामले की गंभीरता को देखते हुए कंट्रोल रूम को सूचित किया गया और एहतियातन मीरघाट मार्ग को बंद कर दिया गया. लोगों को आने-जाने के लिए डेढ़ मल गली वाले वैकल्पिक मार्ग का उपयोग करने की सलाह दी गई है. हालांकि गेट नंबर दो से होकर जाने वाला रास्ता अभी चालू है.
हादसे का खतरा, मकान मालिक को बुलाया गया
स्थानीय लोगों ने बताया कि यह मकान गेट नंबर दो से महज दस कदम की दूरी पर है और कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है. इस खतरे को देखते हुए चौकी इंचार्ज अनुज मणि त्रिपाठी ने दिल्ली में रह रहे मकान मालिक अरुण शर्मा से संपर्क साधा और उन्हें तत्काल वाराणसी आने के लिए कहा.
नागरिकों ने तकनीकी परीक्षण की मांग की
क्षेत्रीय लोगों का कहना है कि यह जर्जर भवन आसपास के राहगीरों और श्रद्धालुओं के लिए बड़ा खतरा बन गया है. उन्होंने प्रशासन से मांग की है कि मकान का तकनीकी परीक्षण कर इसकी मजबूती की जांच की जाए और शीघ्र ही उचित कार्रवाई की जाए, ताकि किसी भी संभावित दुर्घटना को टाला जा सके.