
वाराणसी : काशी की सांस्कृतिक धरोहर अब वैश्विक पहचान की ओर बढ़ रही है. शहर की मशहूर मिठाई लौंगलता और पारंपरिक नाव क्राफ्ट को भौगोलिक संकेतक (GI) टैग दिलाने के लिए आवेदन किया गया है. यह पहल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 75वें जन्मदिन पर हुई.

काशी के GI मैन और पद्मश्री सम्मानित डॉ. रजनीकांत ने इस खास दिन पर इन दोनों धरोहरों का GI आवेदन किया. इसी क्रम में गुजरात की सोमपुरा स्टोन क्राफ्ट को भी शामिल किया गया, जो देश का 75वां GI आवेदन बना.
डॉ. रजनीकांत ने बताया कि एक साल पहले उन्होंने संकल्प लिया था कि प्रधानमंत्री के 75वें जन्मदिन पर सांस्कृतिक धरोहरों को उपहार के रूप में प्रस्तुत करेंगे. यह सपना अब पूरा हुआ और कुल 75 उत्पादों के लिए GI आवेदन किया गया. वाराणसी में करीब 800 से ज्यादा दुकानें रोजाना लौंगलता बेचती हैं, वहीं लगभग 1,000 परिवार नाव निर्माण और उनकी प्रतिकृतियों से जुड़े हैं. GI टैग मिलने के बाद इन दोनों ही उद्योगों को बड़ा बाजार, रोजगार के नए अवसर और अंतरराष्ट्रीय पहचान मिलने की उम्मीद है.





