
वाराणसी : महादेव की नगरी काशी की धरती पर पहली बार कश्मीर से कन्याकुमारी के भक्त एक साथ महायज्ञ करने जा रहे हैं. इसमें 18 देशों के श्रद्धालु भी शामिल होंगे. यह सब जिले के चौबेपुर में उमरहां स्थित स्वर्वेद मंदिर के प्रांगण में 25 व 26 नवम्बर को होगा, जहां विहंगम योग संत समाज का वार्षिकोत्सव मनाया जाएगा. इसकी तैयारी शुरू कर दी गई है. वहीं मंदिर क्षेत्र में दो दिनों के लिए विहंगम योग नगर बसाया जा रहा है. विहंगम योग संत समाज के संत प्रवर विज्ञान देव महाराज ने 29 जून को श्रीनगर के ऐतिहासिक लाल चौक पर तिरंगा फहराकर राष्ट्रव्यापी स्वर्वेद संदेश यात्रा देश के 25 राज्यों व 4 केंद्र शासित प्रदेशों के लिए रवाना की थी. यात्रा सड़क मार्ग से 41 हजार 365 किमी की दूरी तय कर इसी माह कन्याकुमारी में पूर्ण हुई. इस समारोह में देश व दुनिया के अनुयायी उमरहां स्थित स्वर्वेद महामंदिर धाम में 25 हजार कुंडीय वैदिक महायज्ञ में आहुति देंगे.
200 एकड़ में टेंट सिटी, 25 हजार यज्ञ वेदी

दो दिवसीय आयोजन के लिए 200 एकड़ जमीन पर टेंट सिटी बसाई जा रही है. उमरहां, मुड़ली, डुबकियां तक श्रद्धालुओं के रहने व खाने के इंतजाम किए जा रहे हैं. स्वर्वेद ज्ञान महायज्ञ के लिए 45 एकड़ जमीन पर 25,000 हजार यज्ञ वेदियां का निर्माण चल रहा है. 22 नवंबर से देश व दुनिया के अनुयायियों का आना शुरू हो जाएगा. विदेशों व अन्य प्रांतों से आने वाले अनुयायी अभी से ही सारनाथ, आशापुर, पहड़ियां,कैंटोनमेंट व आसपास के होटलों व गेस्ट हाउसों को बुक कर रहे हैं. स्वर्वेद महामंदिर धाम को पश्चिम बंगाल के कारीगरों द्वारा आकर्षक लाइटों से सजावट की जा रही है.
स्वर्वेद महामंदिर परिक्षेत्र में वार्षिक समारोह में सद्गुगुरू आचार्य स्वतंत्र देव महाराज व विहंगम योग के संत प्रवर विज्ञान देव महाराज द्वारा प्रवचन, दीक्षा, के साथ 25 हजार कुंडीय वैदिक महायज्ञ में एक साथ परिवार संग बैठकर आहुति देंगे. इसके साथ ही विश्व शांति व सबके कल्याण की कामना की जाएगी.
108 ब्लॉक में बांटा जाएगा यज्ञ परिसर
वार्षिकोत्सव में शामिल हो रहे यजमानों की सुविधा के लिए यज्ञ परिसर को 108 ब्लाकों में बांटा है. इनके नाम ऋषि मुनियों के नाम पर होंगे. आयोजन स्थल पर ही आयुर्वेदिक चिकित्सा केंद्र, आयुर्वेदिक दवाएं, भोजनालय, धार्मिक पुस्तकों के लिए अलग अलग पंडाल लगाए जा रहे हैं. प्रतिदिन यहां योगाभ्यास,नये अनुयायियों को दीक्षा देने की व्यवस्था भी की जा रही है. इस अनुष्ठान में 500 शिष्य भी रहेंगे. सुरक्षा व्यवस्था के लिए भारी मात्रा में पुलिस,पीएसी के अलावा विहंगम योग के 500 सुरक्षा बल भी तैनात किए जाएंगे.
दुनिया के 18 देशों से आएंगे श्रद्धालु
दुनिया के 18 देशों के अनुयायियों के आने की संभावना है.इसके लिए अभी से होटलों,गेस्ट हाउसों के अलावा मंदिर परिसर में भी व्यवस्था की जा रही है. अमेरिका,जापान, आस्ट्रेलिया, थाईलैंड,फिजी ,लंदन,यूरोप देशों से भी श्रद्धालुओं आएंगे. इसके साथ उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, दिल्ली, महाराष्ट्र, बंगाल, जम्मू कश्मीर, मप्र, गुजरात, उड़ीसा समेत कई राज्यों के अनुयायी शामिल होंगे.
वार्षिकोत्सव में विलुप्त हो रहे खपरैल के मकान नजर आएंगे. गांव के मिट्टी के घरों को छत्तीसगढ के कारीगरों द्वारा तैयार किया जा रहा है. मिट्टी से बने एक कच्चे मकान में चार बेड रूम व एक आंगन मिट्टी का बनाया गया है. इसके दरवाजे, खिड़कियां पुराने परंपरा व गांवों के रहने सहन को ताजा कर रहे हैं.




