वाराणसीः सेहतमंद जीवन के लिए विटामिन्स बेहद जरूरी होते हैं. इनमें से विटामिन डी एक ऐसा पोषक तत्व है, जिसकी कमी शरीर को कई गंभीर बीमारियों की ओर धकेल सकती है. हाल ही में मेडिकल स्टडीज़ में पाया गया है कि जिन लोगों के शरीर में विटामिन डी का स्तर कम होता है, उनमें हार्ट अटैक यानी दिल का दौरा पड़ने का खतरा बढ़ जाता है. विटामिन डी की कमी न सिर्फ हड्डियों को कमजोर बनाती है, बल्कि यह दिल और ब्लड प्रेशर से जुड़ी परेशानियों को भी जन्म दे सकती है.
विटामिन डी के प्राकृतिक स्रोत..
विटामिन डी का सबसे बड़ा और प्राकृतिक स्रोत है सूरज की रोशनी. रोजाना सुबह की धूप में 15-20 मिनट तक बैठने से शरीर को पर्याप्त विटामिन डी मिल सकता है. इसके अलावा, दूध और दूध से बने उत्पाद, अंडे की जर्दी, मछली (सैल्मन, टूना), मशरूम और फोर्टिफाइड फूड्स जैसे अनाज और सोया मिल्क भी इसके अच्छे स्रोत हैं.
विटामिन डी के फायदे..
विटामिन डी को अक्सर “सनशाइन विटामिन” भी कहा जाता है. यह शरीर को कैल्शियम और फॉस्फोरस को अवशोषित करने में मदद करता है, जिससे हड्डियां और दांत मजबूत बने रहते हैं. इसके साथ ही यह मांसपेशियों की कमजोरी को दूर करता है और इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाता है, जिससे शरीर संक्रमण से लड़ने में सक्षम रहता है. विशेषज्ञों के मुताबिक, विटामिन डी मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर करने में भी सहायक है और डिप्रेशन जैसी समस्याओं से राहत दिला सकता है.
जीवनशैली में सुधार करना जरूरीः डाक्टर
डॉक्टरों का कहना है कि संतुलित आहार और धूप से शरीर को पर्याप्त मात्रा में विटामिन डी मिल सकता है, लेकिन अगर इसकी कमी लंबे समय तक बनी रहे तो सप्लीमेंट्स की भी जरूरत पड़ सकती है. इसलिए समय-समय पर लोगों को अपने शरीर की जांच करवाना और जीवनशैली में सुधार करना जरूरी है. कुल मिलाकर, विटामिन डी की पर्याप्त मात्रा न केवल हड्डियों और इम्यूनिटी के लिए जरूरी है, बल्कि यह दिल को स्वस्थ रखने में भी अहम भूमिका निभाता है.