वाराणसी : नगर निगम ने वाराणसी के धार्मिक और पौराणिक महत्ता वाले कुंडों व तालाबों को संरक्षित करने की योजना बनाई है. इसके तहत इन्हें चरणबद्ध तरीके से साफ-सुथरा और पुनर्जीवित किया जाएगा. फिलहाल नैनो बबल तकनीक से दुर्गाकुंड से शंकुलधारा तक के पानी को शुद्ध करने का काम शुरू हो गया है.
इन कुंडों को किया गया है चिन्हित
करीब 15.23 करोड़ रुपये की लागत से दस प्रमुख कुंडों और तालाबों की सफाई, जल शोधन और जीर्णोद्धार का निर्णय लिया गया है. इसमें शंकुलधारा, पितृकुंड, रामकुंड, भिखारीपुर पोखरा, बकरिया कुंड, ईश्वरगंगी पोखरा, मंदाकिनी पोखरा, पिशाचमोचन कुंड, चित्रकूट पोखरा, पहड़िया तालाब और नागकुआं शामिल हैं. इन जलाशयों पर छठ पूजा, देव दीपावली, स्नान, पिंडदान और श्राद्ध जैसे धार्मिक अनुष्ठान होते हैं, इसलिए नगर निगम ने तीन वर्षों तक इनकी नियमित साफ-सफाई और जल शोधन का प्रस्ताव पर्यटन विभाग को भेजा है. स्वीकृति जल्द मिलने की संभावना है.
बनाया जाएगा ट्रांजिट सेंटर, बिजनेस हब और हॉस्टल
नगर आयुक्त अक्षत वर्मा के अनुसार, प्रस्ताव में यह भी शामिल है कि श्रद्धालुओं और पर्यटकों की सुविधा के लिए 8.66 करोड़ रुपये की लागत से ट्रांजिट सेंटर, बिजनेस हब और हॉस्टल का निर्माण कराया जाएगा. इससे यात्रियों को ठहरने और सामान रखने की सुविधा मिलेगी, वहीं छात्रों को भी इसका लाभ होगा.
कुल मिलाकर, लगभग 23.89 करोड़ रुपये का यह प्रस्ताव पर्यटन विभाग को भेजा गया है, जो न केवल धार्मिक स्थलों के संरक्षण में मदद करेगा बल्कि पर्यटन और नगर निगम की आय बढ़ाने में भी सहायक होगा.