गोरखपुर - उत्तरप्रदेश को स्वच्छ ऊर्जा के क्षेत्र में एक नई पहचान मिलने जा रही है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार शाम चार बजे गोरखपुर के खानिमपुर में बने ग्रीन हाइड्रोजन प्लांट का शुभारंभ किया. यह प्लांट टोरेंट कंपनी द्वारा स्थापित किया गया है और इसे प्रदेश का पहला ग्रीन हाइड्रोजन प्रोजेक्ट माना जा रहा है.
कैसे काम करेगा प्लांट?
इस प्लांट में प्राकृतिक गैस से 2 प्रतिशत ग्रीन हाइड्रोजन तैयार किया जाएगा. इसके बाद इसे सिटी गैस डिस्ट्रीब्यूशन नेटवर्क और गेल की पाइपलाइन में मिलाया जाएगा. इससे घरों तक पहुंचने वाली रसोई गैस और वाहनों में इस्तेमाल होने वाली सीएनजी की गुणवत्ता बेहतर होगी.
प्रदूषण पर पड़ेगा असर
कंपनी के अधिशासी निदेशक डॉ. नरेंद्र कुमार ने बताया कि इस तकनीक से हर साल करीब 500 टन कार्बन उत्सर्जन कम किया जा सकेगा. यानी ग्रीन हाइड्रोजन से न केवल ईंधन की गुणवत्ता बढ़ेगी बल्कि वायु प्रदूषण पर भी काबू पाया जा सकेगा.
क्या होगा फायदा?
प्राकृतिक गैस पर निर्भरता घटेगी
ईंधन की गुणवत्ता बेहतर होगी
हर जगह गैस की उपलब्धता सुनिश्चित होगी
पर्यावरण को होगा बड़ा लाभ
गोरखपुर का यह ग्रीन हाइड्रोजन प्रोजेक्ट ऊर्जा क्षेत्र में एक पायलट मॉडल साबित हो सकता है. आने वाले समय में यह प्रदेश ही नहीं बल्कि पूरे देश में हरित ऊर्जा को बढ़ावा देने का मार्ग प्रशस्त करेगा.