वाराणसी : पड़ाव अघोर पीठ, श्री सर्वेश्वरी समूह संस्थान, अवधूत भगवान राम कुष्ठ सेवा आश्रम, पड़ाव के प्रांगण में शनिवार को परमपूज्य अघोरेश्वर भगवान राम जी की 89वीं जयंती धूमधाम और श्रद्धा-भक्ति के वातावरण में मनाई गई. इस अवसर पर संस्था के अध्यक्ष पूज्यपाद बाबा औघड़ गुरुपद संभव राम जी के सान्निध्य में हजारों श्रद्धालु, सदस्य और शिष्य उपस्थित रहे.
प्रभातफेरी से हुई शुरुआत, गूंजे जयकारे
जयंती समारोह की शुरुआत प्रातः 5:30 बजे प्रभातफेरी से हुई . श्रद्धालुओं ने अघोरेश्वर महाप्रभु के जयकारे लगाते हुए पड़ाव आश्रम से अघोरेश्वर भगवान राम घाट, गंगातट एवं महाविभूति स्थल तक पदयात्रा की . वहां से गंगाजल कलश में भरकर आश्रम लाया गया। इसके बाद आश्रम परिसर में सफाई एवं श्रमदान हुआ . सुबह 8:00 बजे पूज्यपाद बाबा औघड़ गुरुपद संभव राम जी ने अघोरेश्वर महाप्रभु के चिरकालिक आसन का पूजन किया. इसी क्रम में पृथ्वीपाल जी ने सफलयोनि का पाठ किया और तत्पश्चात मंदिर परिसर में हवन संपन्न हुआ .
संकीर्तन और हवन से गूंजा आश्रम परिसर
श्रद्धालुओं ने दर्शन-पूजन कर अघोरेश्वर महाप्रभु की चरण-पादुका पर पुष्पांजलि अर्पित की और आशीर्वाद प्राप्त किया . इसके बाद सभी ने अन्नपूर्णा नगर में प्रसाद ग्रहण किया . आयोजन में भक्तों का उत्साह देखते ही बनता था . उल्लेखनीय है कि जयंती के साथ-साथ आश्रम परिसर में दो दिवसीय लोलार्क षष्ठी और अघोरेश्वर जयंती पर्व भी मनाया गया .
इससे पहले लगातार दो दिनों तक “अघोरान्ना परो मन्त्रः नास्ति तत्त्वं गुरो: परम्” का अखंड संकीर्तन हुआ, जिसका समापन अपराह्न 3:30 बजे पूज्य बाबा औघड़ गुरुपद संभव राम जी के पूजन के साथ हुआ .
आस्था और भक्ति का अद्भुत संगम
पूरे कार्यक्रम के दौरान श्रद्धालुओं ने भक्ति-भाव से सहभागिता की. प्रभातफेरी, पूजन, संकीर्तन और प्रसाद वितरण से आश्रम का वातावरण आध्यात्मिक और उल्लासपूर्ण रहा. भक्तों ने अघोरेश्वर महाप्रभु के चरणों में श्रद्धा व्यक्त कर समाज और सेवा के कार्यों में आगे बढ़ने का संकल्प भी लिया.