वाराणसी : उत्तर भारत में लगातार हो रही बारिश ने पहाड़ी इलाकों से लेकर मैदानी क्षेत्रों तक मुश्किलें बढ़ा दी हैं. नदियों का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है और वाराणसी समेत पूर्वांचल के कई जिलों में बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है. गंगा नदी के जलस्तर में इस सीजन में तीसरी बार बढ़ोतरी दर्ज हुई है, जिससे निचले क्षेत्रों में दिक्कतें और बढ़ गई हैं .
गंगा का जलस्तर फिर तेजी से बढ़ा
वाराणसी में गंगा नदी का जलस्तर इन दिनों प्रति घंटे लगभग 9 सेंटीमीटर की रफ्तार से बढ़ रहा है. अनुमान है कि आने वाले दिनों तक यह रफ्तार बनी रह सकती है. गाजीपुर, बलिया और चंदौली सहित दर्जनभर जिलों में भी स्थिति गंभीर होती जा रही है, क्योंकि यमुना नदी के उफान की वजह से गंगा का पानी वाराणसी से पटना तक आसानी से नहीं निकल पा रहा .
दूसरी बार जलस्तर बढ़ने पर कहां पहुंचा था पानी
गंगा नदी का जलस्तर इस सीजन में दूसरी बार 13 अगस्त को बढ़ा था. उस समय पानी खतरनाक स्तर को छूने लगा था और जलस्तर 71.10 मीटर तक पहुंच गया था. तब भी घाटों का संपर्क टूट गया था और कई निचले इलाके जलमग्न हो गए थे. थोड़ी राहत के बाद अब तीसरी बार पानी बढ़ने से लोग एक बार फिर चिंता में हैं.
घाट डूबे, कामकाज पर असर
वाराणसी के प्रमुख घाट दोबारा जलमग्न हो चुके हैं. हाल ही में जब जलस्तर में थोड़ी कमी आई थी, तब सफाई और मिट्टी हटाने का काम शुरू हुआ था, लेकिन पानी की नई लहर ने सारे प्रयासों को अधूरा छोड़ दिया. गंगा किनारे रहने वाले लोगों को लगातार चौकन्ना रहना पड़ रहा है, वहीं प्रशासन ने भी बाढ़ संभावित इलाकों में सतर्कता बढ़ा दी है.