वाराणसीः सारनाथ के अरिहंतनगर फेज-2 कॉलोनी में कॉलोनाइजर महेंद्र गौतम की दिनदहाड़े गोली मारकर हत्या के बाद इलाके में दहशत का माहौल है. यह वही कॉलोनी है जहां 27 अक्टूबर 2019 को भैसौड़ी गांव निवासी कमलेश यादव की भी गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. वह एक सर्राफा व्यापारी को लूट से बचा रहे थे. छह साल बाद भी उस हत्या का खुलासा पुलिस नहीं कर पाई, जिससे लोगों में भारी नाराजगी है.
सुरक्षा को लेकर उठाए गए सवाल
कॉलोनी में सुरक्षा को लेकर गुरुवार को स्थानीय निवासियों में गहरी चिंता और गुस्सा देखने को मिला. सोशल मीडिया से लेकर सड़क तक कॉलोनीवासियों ने सवाल उठाए कि जब कॉलोनी की प्लॉटिंग करने वाला व्यक्ति ही सुरक्षित नहीं, तो आम नागरिकों की सुरक्षा कैसे होगी.
क्या कहा लोगों ने
कॉलोनी निवासी मनीष यादव (एमबीए छात्र) ने बताया कि महेंद्र गौतम बेहद मिलनसार थे, कभी किसी से विवाद नहीं किया. वहीं, 15 साल से कॉलोनी में काम कर रहे सूरज ने भी कहा कि यहां कभी कोई बड़ी घटना नहीं हुई थी, केवल एक छोटी चोरी की घटना एक माह पहले हुई थी. कॉलोनी में अधिकांश लोग पुलिस, सेना और स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के परिवारों से जुड़े हैं. कॉलोनी 2012 के आसपास बसाई गई थी और अब तक शांतिपूर्ण मानी जाती थी.
प्रत्यक्षदर्शियों ने बदमाशों के बारे में दी जानकारी
कालोनाइजर की दिनदहाड़े हत्या की घटना को अंजाम देने वाले बदमाशों के बारे में प्रत्यक्षदर्शी कॉलोनी निवासी वकील राम ने बताया कि वह बदमाशों के पीछे बाइक से आ रहे थे. ये बदमाश पहले कॉलोनी में पिस्टल लहराते और धमकाते हुए नजर आए. एक नाटे कद का बदमाश, जो बीच में बैठा था ने पहली गोली चलाई. बाइक काले रंग की पल्सर थी, जिस पर धूल जमी थी और उसपर नंबर प्लेट भी नहीं लगा था