वाराणसी: भारत के पर्यटन मानचित्र पर काशी का चमकता सितारा अब पहले से कहीं अधिक दमक रहा है. वहीं गोवा में बढ़ता क्राइम और पहाड़ी इलाकों में लगातार हो रही दुर्घटनाओं और मौसम की मार से पर्यटक दूरी बना रहे हैं. ऐसे में वाराणसी का आध्यात्मिक आकर्षण, धार्मिक महत्व और लगातार बेहतर हो रही सुविधाओं ने इसे देश-विदेशी सैलानियों की सबसे पसंदीदा मंज़िल बना दिया है.
2023 से 2024 तक जबरदस्त उछाल
पर्यटन विभाग के मुताबिक, वर्ष 2023 में काशी में 8.54 करोड़ देसी-विदेशी पर्यटक आए थे। वहीं वर्ष 2024 में यह संख्या 11 करोड़ 9 लाख 77 हजार 743 तक पहुंच गई. यानी एक साल में करीब 2 करोड़ 46 लाख की बढ़ोतरी। आंकड़ों के अनुसार यह वृद्धि 18.73 प्रतिशत रही, जो देश में पर्यटन वृद्धि के लिहाज़ से रिकॉर्ड मानी जा रही है.
महाकुंभ ने बढ़ाई काशी की रौनक
प्रयागराज महाकुंभ-2025 का सीधा असर वाराणसी पर भी पड़ा. जनवरी से मई 2025 तक ही 12 करोड़ 47 लाख 57 हजार 960 सैलानी यहां पहुंचे. इनमें भारतीय पर्यटकों की संख्या 12 करोड़ 45 लाख 74 हजार 62 रही और विदेशी पर्यटक 1 लाख 82 हजार 869 पहुंचे.
यह रफ्तार बताती है कि साल 2025 का कुल आंकड़ा 2024 से कहीं आगे निकल सकता है.
महीने-दर-महीने बढ़ती रही सैलानियों की संख्या
जनवरी 2025 : 4.80 करोड़
फरवरी 2025 : 6.06 करोड़
मार्च 2025 : 60.9 लाख
अप्रैल 2025 : 51.3 लाख
मई 2025 : 48.5 लाख
जून से अगस्त तक का आधिकारिक आंकड़ा भले विभाग के पास नहीं है, लेकिन खुफिया विभाग के अनुसार जून में 2395 और जुलाई में 4466 विदेशी पर्यटक काशी पहुंचे.
काशी को क्यों मिल रही प्राथमिकता?
पर्यटन विशेषज्ञों के अनुसार कई कारणों से सैलानियों का रुख बदल रहा है:
1. सुरक्षा की चिंता – पहाड़ों पर भूस्खलन, सड़क हादसे और गोवा में आपराधिक घटनाओं से पर्यटक बच रहे हैं.
2. आध्यात्मिक शांति की तलाश – वैश्विक अस्थिरता और तनाव के दौर में लोग आस्था और अध्यात्म की ओर खिंच रहे हैं.
3. काशी विश्वनाथ धाम का कायाकल्प – भव्य धाम परिसर के लोकार्पण ने काशी को अंतरराष्ट्रीय आकर्षण बना दिया है.
4. बेहतर परिवहन कनेक्टिविटी – सड़क, रेल और हवाई मार्ग लगातार आधुनिक हो रहे हैं, जिससे देश-विदेश से पहुंचना आसान हुआ है.
5. सांस्कृतिक और ऐतिहासिक धरोहर – सारनाथ, गंगा आरती, घाटों पर क्रूज़ और नाव विहार जैसी गतिविधियों ने पर्यटकों का अनुभव और समृद्ध किया है.
बढ़ते पर्यटन से रोजगार और कारोबार में उछाल
पर्यटकों की बढ़ती आमद का सीधा असर वाराणसी की अर्थव्यवस्था पर पड़ रहा है.होटल, रेस्टोरेंट, ट्रैवल एजेंसी, गाइड, नाविक, हस्तशिल्प और रेशम कारोबारियों को लगातार लाभ हो रहा है. स्थानीय स्तर पर हजारों युवाओं को रोजगार के अवसर मिल रहे हैं.
नई योजनाओं से और सजेगा पर्यटन
संयुक्त निदेशक पर्यटन दिनेश कुमार के मुताबिक, “काशी में बढ़ती संख्या को देखते हुए पर्यटकों की सुविधा हमारी प्राथमिकता है। जल्द ही काशी दर्शन बस सेवा शुरू की जाएगी. साथ ही कई नई योजनाएं भी तैयार हैं जो जल्दी ही धरातल पर दिखाई देंगी.”
आने वाले महीनों की तस्वीर
सावन के बाद पर्यटकों का नया उभार : श्रावण मास में लाखों शिवभक्तों का आगमन होगा.
श्राद्ध पक्ष के बाद : परंपरागत रूप से बड़ी संख्या में पर्यटक घाटों और मंदिरों का रुख करते हैं.
त्योहारों का मौसम : दीपावली और देव दीपावली पर काशी की भव्यता देखने लायक होती है, जो विदेशी पर्यटकों को भी खास आकर्षित करती है.
गोवा और पहाड़ों से दूरी बनाकर पर्यटक अब वाराणसी को अपना रहे हैं। यहां की गंगा आरती, अध्यात्मिक वातावरण, सांस्कृतिक धरोहर और आधुनिक सुविधाओं का संगम इसे दुनिया के सबसे खास पर्यटन स्थलों में शामिल कर रहा है। विशेषज्ञों का अनुमान है कि आने वाले समय में काशी का नाम वैश्विक टॉप टूरिज्म डेस्टिनेशन में दर्ज होना तय है.