
वाराणसी: काशी हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) का माहौल सोमवार को उस समय गरम हो गया जब करीब 50 नकाबपोश छात्रों ने दिनदहाड़े तोड़फोड़ कर दी. इस घटना ने विश्वविद्यालय की सुरक्षा व्यवस्था की पोल खोलने के साथ छात्रों व राहगीरों में अफरा-तफरी मचा दी.

प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, बिरला हॉस्टल से निकले छात्र नरिया रोड पहुंचे और एनसीसी गेट के सामने खड़ी एक कार को घेर लिया. उनके हाथों में बैट और बेल्ट थे. देखते ही देखते कार के सभी शीशे चकनाचूर कर दिए गए.
हमलावर यहीं नहीं रुके. उन्होंने कार चालक पर हमला करने की कोशिश की, लेकिन चालक किसी तरह दौड़कर एनसीसी ऑफिस में घुस गया और अपनी जान बचाई. उग्र छात्र ऑफिस में घुसने का प्रयास करने लगे, लेकिन मौके पर मौजूद सुरक्षाकर्मियों ने हालात बिगड़ने से पहले ही उन्हें रोक दिया.
जाम और दहशत का माहौल
इस बवाल के दौरान नरिया रोड से लेकर एलबीएस हॉस्टल तक जाम जैसी स्थिति हो गई. छात्र और स्थानीय लोग सहमकर किनारे हट गए। कई राहगीर तो मौके से जल्दी-जल्दी निकलने लगे. कैंपस में अचानक फैली इस अराजकता ने हर किसी को चौंका दिया.
पुरानी रंजिश से जुड़ा मामला
जानकारी के अनुसार, जिस कार को नुकसान पहुंचाया गया वह बीएचयू के एक पूर्व छात्र की थी. बताया जाता है कि उसका कुछ वर्तमान छात्रों से पुराना विवाद चल रहा था. उसी रंजिश के चलते सोमवार को नकाबपोश छात्रों ने हमला बोला. वहीं इस बात की चर्चा है कि ब्रेकर पर कार की गति धीमी होने पर पीछे से एक बाइक कार से भिड गई, जिससे विवाद हो गया.
सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल
घटना में भले ही कोई घायल नहीं हुआ, लेकिन इतने बड़े पैमाने पर हुई तोड़फोड़ ने बीएचयू की सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं. दिनदहाड़े कैंपस में इस तरह की वारदात होना विश्वविद्यालय प्रशासन की निगरानी और सुरक्षा तंत्र पर सवालिया निशान है.





