वाराणसी : नगर निगम के महाश्मशान मणिकर्णिका घाट और हरिश्चंद्र घाट पर बुनियादी सुविधाएं बेहतर बनाने और व्यवस्थाओं को सुदृढ़ करने में सक्रिय रूप से काम कर रहा है. इसी प्रयास के तहत, दोनों घाटों का जीर्णोद्धार 36 करोड़ रुपये की लागत से सीएसआर फंड के माध्यम से कराया जा रहा है. इसके साथ ही, नगर निगम ने घाटों पर लकड़ी की कीमतों को लेकर पारदर्शिता लाने की पहल की है. अब दोनों घाटों पर लकड़ी की दरों का बोर्ड लगाने का फैसला लिया गया है, ताकि अंतिम संस्कार के लिए आने वाले लोगों से मनमानी वसूली पर रोक लगाई जा सके. फिलहाल इन दोनों घाटों पर लकड़ी अलग-अलग कीमतों पर बेची जा रही है, जिससे लोगों को असुविधा और आर्थिक बोझ झेलना पड़ता है.
लकड़ी की कीमत
मणिकर्णिका घाट पर लकड़ी की कीमत फिलहाल 700 से 750 रुपये प्रति मन है, जबकि हरिश्चंद्र घाट पर यह दर 550 रुपये प्रति मन तय है. दोनों घाटों पर लकड़ी की दरों में अंतर होने के कारण लोगों को भ्रम और असुविधा का सामना करना पड़ता है. मणिकर्णिका घाट पर तो लकड़ी का टाल घाट की सीढ़ियों तक फैल गया है, जिससे शवयात्रा के दौरान अंतिम संस्कार के लिए आने-जाने में काफी दिक्कत होती है. हाल ही में नगर निगम की सदन बैठक में इस अव्यवस्था का मुद्दा पार्षद मदन मोहन दुबे ने उठाया था. उन्होंने घाटों की वर्तमान स्थिति और वहाँ फैले अव्यवस्थित हालात की ओर ध्यान दिलाया.
क्या निर्णय लिया
नगर निगम ने घाटों की अव्यवस्था को गंभीरता से लिया है. इसी क्रम में मणिकर्णिका और हरिश्चंद्र घाट पर बेतरतीब ढंग से फैली लकड़ियों को सुव्यवस्थित करने का निर्णय लिया गया है. इसके अलावा, दोनों घाटों के दुकानदारों से बातचीत कर लकड़ी की एक समान और तयशुदा दर निर्धारित करने की योजना भी बनाई गई है. नगर निगम का उद्देश्य है कि इन दरों को स्पष्ट रूप से बोर्ड पर प्रदर्शित किया जाए, ताकि अंतिम संस्कार के लिए आने वाले लोगों को किसी प्रकार की असुविधा न हो इसे पहले से न केवल शवयात्रियों को राहत मिलेगी, बल्कि घाटों पर स्वच्छता और पारदर्शिता भी सुनिश्चित की जा सकेगी.
लकड़ी के लिए स्टोर रूम बनेगा
मणिकर्णिका घाट का जीर्णोद्धार कार्य रूपा फाउंडेशन द्वारा 18 करोड़ रुपये की लागत से कराया जा रहा है. वहीं, हरिश्चंद्र घाट का कायाकल्प 17 करोड़ रुपये की लागत से किया जा रहा है. इस परियोजना के तहत दोनों घाटों पर आधुनिक सुविधाओं का विकास किया जा रहा है, जिसमें शवदाह गृह का निर्माण, प्रतीक्षालय, महिलाओं, पुरुषों और दिव्यांगजनों के लिए अलग-अलग शौचालय, लकड़ी रखने के लिए स्टोर रूम, सामुदायिक बैठक कक्ष, कार्यालय और चिमनी का निर्माण शामिल है. इस प्रयास का उद्देश्य घाटों पर व्यवस्थाओं को आधुनिक, सुव्यवस्थित और आमजन के लिए सुविधाजनक बनाना है.
क्या बोले महापौर
महापौर अशोक कुमार तिवारी ने बताया कि मणिकर्णिका घाट और हरिश्चंद्र घाट पर लकड़ियों को अब बेतरतीब तरीके से नहीं रखा जाएगा. इनकी उचित तरीके से व्यवस्था करने के लिए स्टोर रूम का निर्माण कराया जा रहा है. साथ ही, लकड़ी की कीमतों में पारदर्शिता लाने और मनमानी वसूली पर रोक लगाने के उद्देश्य से दोनों घाटों पर दरसूचक बोर्ड लगाए जाने का निर्णय लिया गया है. इससे आम लोगों को स्पष्ट जानकारी मिलेगी और घाटों की व्यवस्था भी अधिक सुचारू हो सकेगी.